१६५ फिल्में करने वाला सूपरस्टार आज मिडल क्लास जिंदगी जी रहा है, और उसे कोई फिल्म नहीं मिलती।

बॉलीवुड के कॉमेडी के किंग केहला ने वाले गोविंदा १९९० की दशक मे नंबर १ के कलाकार थे  इन्होंने काफी हिट फिल्मे की है अब तक उन्होंने अपनी जिंदगी मे १६५ फिल्मों मे काम किया है उनकी पहली फिल्म हिट होने बाद ही उन्हे एक साथ ७५ फिल्मे मिल गई थी उस टाइम मे ऐसा लगता था की इस ऐक्टर को कोई भी हरा नहीं सकता वे १९९० की दशक के सूपस्टार बन चुके थे लेकिन कुछ सालों बाद गोविंदा के कैरियर मे ऐसा बवंडर आया की उनकी फिल्मे एक साथ ही फ्लॉप होने लगी गोविंदा को लेकर काफी चर्चा होने लगी और उनको फिल्मे मिलना बंद हो गई इसके लिए गोविंदा अब बॉलीवुड पर दोष मलने लगे की पूरा बॉलीवुड उनके खिलाफ हो चुका है और उन्हे जान बुझ कर काम नहीं दिया जा रहा है तो इस लेख मे हम यही जानने वाले है की गोविंदा के कैरियर का कैसे डाउन्फॉल हुआ और इसके पीछे क्या वजह है जिससे एक महान कलाकार फिल्म इंडस्ट्री से गायब हो गए 

गोविंदा का सुरुवाती जीवन 

गोविंदा का सुरुवाती जीवन

गोविंदा का जन्म २१ दिसम्बर १९६३ मे हुआ था उनका असली नाम गोविंद अरुण अहुजा है गोविंदा बचपन से ही ज्योतिषविद्या और अंक ज्योतिष जैसे चीजों मे विश्वास रकते थे गोविंदा के पिता का नाम अरुण कुमार अहुजा १९४० -५० की बीच मे बहोत ही नामी ऐक्टर और प्रडूसर भी थे और उन्होंने ५० फिल्मों मे काम किया है और बात करे उनके माता जी की तो उनका नाम निर्मला देवी है और वे एक भारतीय क्लैसिक सिंगर थी और वे भी काफी फेमस थी वे गोविंदा के जन्म से पहले बांद्रा के कार्टर रोड पे एक बहोत ही आलीशान बँगलो मे रहते थे लेकिन  उनके पिताजी अरुण कुमार अहुजा ने एक फिल्म बनाई जिसका नाम है सेहरा जो १९६३ मे आई थी यह फिल्म कुछ भी कमाई नहीं कर पाई और उनके प्रोडक्शन हाउस को बहोत बड़ा नुकसान हो गया जिस की वजह से वे काफी मुसीबत मे आ गए |

गोविंदा  के पिता अरुण कुमार अहुजा और उनकी माता जी निर्मला देवी गोविंदा के साथ
गोविंदा के पिता अरुण कुमार अहुजा और उनकी माता जी निर्मला देवी गोविंदा के साथ

उनको उनका बंगला भी बेचना पढ़ गया और आखिर उन्हे विरार के एक छोटे से चाल मे जा के रहने की नौबत आ गई और उसी चाल मे गोविंदा का १९६३ मे हुआ गोविंदा बचपन से ही काफी गुस्से मे रहता था और गोविंदा को शांत रखने के लिए उनकी माता जी निर्मला देवी उन्हे पूजा पाठ करवाती थी गोविंदा थेटर मे जाके फिल्मे भी देखा करते थे और मिथुन चक्रवरथी की फिल्म डिस्को डान्सर से उन्हे काफी प्रेरणा मिली और वे ऐक्टिंग सीखने लगे काफी जगह पे ऑडीशन्स देने के बाद उन्हे पहली फिल्म तन बदन से उनकी शुरुवात हुई लेकिन बॉक्स ऑफिस पे पहली हिट फिल्म इल्जाम से उनके करियर की खास सुरुवात हुई और दूसरी फिल्म लव ८७ को लोगों को काफी पसंद आई और गोविंदा को एक साथ ७५ फिल्म की ऑफर आई जब उनकी उम्र सिर्फ २१ साल थी इन फिल्मों मे से गोविंदा ने २५ फिल्मे करने से मना कर दिया था |

गोविंदा की १९८६ से १९९४ तक की  फिल्मे
गोविंदा की १९८६ से १९९४ तक की फिल्मे

 क्यों गोविंदा  फिल्म इंडस्ट्री से गायब हो गए

जब गोविंदा को इतनी फिल्मे मिलने लागि तो गोविंदा दिन रात बस ऐक्टिंग का काम करते थे वे एक सेट से दूसरे सेट शूटिंग के लिए चले जाते थे और यही उनके डाउन्फॉल का एक सबसे बड़ा कारण बना आगे और भी कारण है आप पूरा लेख पढ़ते रहए गोविंदा उस टाइम पे काफी सफल ऐक्टर बनते जा रहे थे फिल्म जैसे की खुदगर्ज,दरिया दिल,घर घर की कहानी,हत्या,गैरकानूनी जैसी यह काफी हिट हुई |

गोविंदा की १९८६ से १९९४ तक की  फिल्मे

एक साल मे कम से कम उनकी ३ या ४ फिल्म तो आई ही जाती थी १९९० मे तो उनकी एक साथ १४ फिल्मे रिलीज हो गई इससे आप यह अंदाजा लगा सकते हो की गोविंदा कितना ज्यादा काम कर रहा था १९९० से लेके २००० तक उन्होंने काफी कॉमेडी फिल्मे की जिनकी वजह से वे कॉमेडी किंग बन गए और उनको डेविड धवन और कादर खान जैसे ऐक्टर का काफी साथ मिला राजा बाबू,कूली नंबर १,साजन चले ससुराल,बनारसी बाबू,दीवाना मस्ताना,हीरो नंबर १,बड़े मिया छोटे मिया जैसे हिट कॉमेडी फिल्म उस व्यक्त गोविंदा ने की | कादेर खान के साथ उनकी टोटल ४१ फिल्मे है और डेविड धवन के साथ उन्होंने १७ फिल्मे की है लेकिन कुछ सालों बाद उनके दोनों के साथ रिश्ते बिघड गए और वे अब बात करना बंद कर चुके थे | 

२००० के शुरुवाती से अब गोविंदा के हर फिल्म फ्लॉप होने लागि उनकी फिल्मे जैसे की बेटी नंबर १,दिल ने फिर याद किया कुछ भी कमाई नहीं कर पा रही थी | उन्होंने फिर उनकी ज़िंदगी बदल देने वाला फैसला लिया पॉलिटिक्स मे आने का और उन्होंने २००४ मे काँग्रेस पार्टी को जॉइन करते हुए पॉलिटिक्स मे एंट्री ली | और बीजेपी के राम नायक को उन्होंने ५०००० मतों से हरा कर वे संसद के एमपी भी बन गए लेकिन |

गोविंदा के फिल्मों मे डाउन्फॉल होने के मुख्य कारण : 

१। गोविंदा हमेशा शूटिंग के सेट पे काफी लेट आते थे | रवीना टनडन जिन्होंने गोविंदा के साथ काफी काम कीये हुआ है उनका कहना है की वे हमेशा सेट पर ९ बजे ही जाकर तैयार होती थी और एक नींद भी ले लेती थी क्योंकि उनको पता था गोविंदा टाइम पे नहीं आने वाले | एक बार तो अमरीश पूरी ने तो गोविंदा को लेट आने के लिए थप्पड़ भी मार दिया था लेकिन फिर भी गोविंदा सुधारे नहीं | 

२| कही बार शूटिंग कैन्सल करना पड़ता था क्योंकि गोविंदा सेट पर पहुच ही नहीं पाते थे | अमिताभ बच्चन और रजनीकान्त जैसे बड़े ऐक्टर को भी उनकी वजह से काफी वेट करना पड़ता था डायरेक्टर और प्रडूसर का काफी नुकसान हो जाता था इस वजह से डायरेक्टर और प्रडूसर गोविंदा के साथ काम करने से बचने लगे थे और उनको काम देना बंद कर दिया |

३| फिल्म की सेट पर डायरेक्टर,ऐक्टर और प्रडूसर से झगड़े करने लग जाते थे क्योंकि उन्हे वो सीन पसंद नहीं आते थे और उन्हे हमेशा ही अपने बारे मे लोगों को अच्छा मनवाना लगता था | इन मे से एक उदाहरण है फिल्म एक और एक ग्यारह की शूटिंग की गोविंदा ने एक सीन को लेकर डेविड धवन से झगड़ने लगे |

४| गोविंदा हमेशा लेडिंग रोल के लिए ही ऐक्टिंग करना कहते थे क्योंकि उनको लगता था की वे एक सुपर स्टार है और छोटे मोठे रोल करना उनको शोभा नहीं देता | उन्होंने ताल,गदर,देवदास फिल्म  मे चुन्नी लाल जैसे रोल करने से मना कर दिया |

५| २००० के बाद जब मार्केट मे मल्टीप्लेक्स आए तो गोविंदा ने इस ट्रेंड को फॉलो नहीं किया और अपनी फिल्मे वही पुराने तरीके से सिंगल स्क्रीन पे रिलीज करते रहे 

६| पॉलिटिक्स जॉइन करना भी उनका एक बहोत बड़ा कारण था |

निष्कर्ष : 

गोविंदा हमेशा फिल्म इंडस्ट्री को ही दोष देते थे और कहते थे की उनको रोल दिए नहीं जा रहे और उन्हे काम दिया नहीं जा रहा हालाकी वे सेट पे कभी टाइम पर नहीं पहुच ते थे | गोविंदा मे ऐक्टिंग करने की काफी कुशलता है लेकिन उनके गर्व और घमंड ने उनको फिल्म इंडस्ट्री  से गायब कर दिया है | उनके खराब नेचर की वजह से और उनकी आदतों की वजह से उन्हे अपने कैरियर मे डाउन्फॉल देखने को मिला | तो दोस्तों यह थी गोविंदा की पूरी कहानी की क्यों गोविंदा फिल्म इंडस्ट्री से गायब हो गए आशा करता हु यह लेख आप को पसंद आया होगा धन्यवाद🙂  

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